उज्जैन का भी धारा 370 हटाने में अहम योगदान

उज्जैन। सावन का तीसरा सोमवार और नागपंचमी का केवल धार्मिक महत्व ही नहीं है बल्कि मोदी सरकार ने आज के दिन अनुच्छेद 370 को हटाकर देश में इतिहास रच दिया है । सोमवार का दिन इतिहास के पन्नों पर दर्ज हो गया है। धारा 370 को लेकर उज्जैन का भी एक ऐसा कनेक्शन है जो निश्चित रूप से विचारणीय है।
जब भी इतिहास लिखा जाएगा तब धारा 370 को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ साथ राज्यसभा के नेता और केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत का नाम भी इतिहास के पन्नों पर दर्ज किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत को जब से राज्यसभा का नेता बनाया गया है, तब से मोदी सरकार के बिल धड़ाधड़ पास हो रहे हैं। इतना ही नहीं दूसरी राजनीतिक पार्टियां भी लगातार भाजपा को सपोर्ट कर रही हंै।

धारा 370 को लेकर कई राजनीतिक पार्टियों ने बीजेपी को सपोर्ट किया है। निश्चित रूप से राज्यसभा के नेता और केंद्रीय मंत्री गहलोत की भी इस पूरे कार्रवाई में अहम भूमिका मानी जा रही है। गौरतलब है कि उज्जैन जिले के नागदा के रहने वाले केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत काफी सरल और मृदुभाषी भाषी होने के साथ साथ ऐसे रणनीतिकार हैं जिन्हें हमेशा मोदी सरकार अहम फैसलों में आगे रखती है। केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने पूर्व में भी स्पष्ट रूप से कहा था कि इस बार देश में कुछ बड़ा होगा। केंद्रीय मंत्री गहलोत का भी इशारा धारा 370 को लेकर ही था।

केंद्रीय मंत्री थावरचंद मोदी सरकार के सबसे महत्वपूर्ण भरोसेमंद मंत्री माने जाते हैं। गहलोत को दूसरी बार राज्यसभा में कुर्सी मिली है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री के रूप में मोदी सरकार में गहलोत ने दूसरी बार शपथ ली है। मोदी सरकार का सबसे बड़ा दलित चेहरा राज्यसभा में अहम भूमिका के रूप में है। ऐसी स्थिति में उज्जैन का भी धारा 370 हटाने में अहम योगदान माना जा रहा है। जैसे ही टेलीविजन पर धारा 370 को लेकर गृह मंत्री शाह अपना बयान ने दिया वैसे ही गृहमंत्री के समीप बैठे राज्यसभा के नेता गहलोत ने तालियां बजाकर अपनी ओर से पूरे सदन को तालियां बजाने के लिए मजबूर कर दिया।

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